Saturday, October 26, 2019

गजवा-ए-हिन्द क्या है

 गजवा-ए-हिन्द गजवा-ए-हिन्द का मतलब क्या है, काफिरों को जीतने के लिए किये जाने वाले युद्ध या काफिरो की हत्या करने  को “गजवा” कहते हैं और जो इस युद्ध में विजयी रहता है उसे “गाजी” कहते हैं, और जिसके  नाम के सामने गाजी लगा हो या जिसे गाजी की उपाधि दी गयी हो निश्चय हो वह हिन्दुओ का व्यापक नर संहार करके इस्लाम के फैलाव में लगा था। हम हिन्दुओ की सबसे बड़ी कमजोरी है की हम धर्म के बारे में बहुत कम जानते हैं और एक दूसरे से अपने को अधिक उठा हुआ  समझते और एक दूसरे से ईर्ष्या करते है  और अपने को सेकुलर कहते है और सेकुलर का मतलब भी नहीं जानते। एक मुस्लिम अपने को कभी भी सेकुलर नहीं कहता है, चाहे वह नेता हो या आम नागरिक , हो ,और अज्ञानी  हिन्दू भीड़ में सेकुलर बनने का महत्व का भाषण जरुर देता है।गजवा-ए-हिन्द का मतलब है की भारत में सभी गैर मुस्लिमो पर इस्लामिक शरिया कानून लागु करना जिसके लिए या तो इनको मारकर ख़तम कर दो या इनको इस्लाम स्वीकार कराओ या उन्हें तब तक जिन्दा रखो जब तक अपनी कमाई का एक हिस्सा “जजिया कर” के रूप में इस्लामिक सरकार को देते रहे जैसा मुग़ल करते रहे। भारत में यह एक बार हो चूका है, और भारत के तीन   तुकडे तुकडे में हुआ। अगर यही चलता रहा तो भारत का फिर विभाजन होगा और हिन्दू अपनी ही देश में गुलामो की तरह रहेगा 

गजवा-ए-हिन्द के  6 पैमाने बना रखें  है 
 १- अल-तकिय्या :
जब मुस्लिम कमजोर या कम संख्या में होता है, इस स्थिति में काफिरों (गैर-मुस्लिमों)से झूठ बोलना और उन्हें धोखा देना जायज माना जाता है. यह अवस्था अपने को अंदरूनी तौर से मजबूत रखना और काफिरों से अपनी अंदरूनी जानकारियों से दूर रखना और उनको आपस में लड़वाना  आदि .
२-काफिरों के मन में डर  भरना :
इसके लिए  काफिरों पर धोखे से हमला करना और उनकी हत्या करना, झुण्ड बनाकर किसी एक जगह पर काफिरों (गैर मुस्लिमों) पर हमले करना, जो पिछले 8  -9 साल से भारत में जारी है. ट्रकों और गाड़ियों में भरकर किसी एक जगह पर हिन्दुओं को हड़काना सेकुलर सरकारों में कब से चल रहा है. इस काम के लिए गैर मुस्लिम अगुआ और आक्रामक नेताओं को मौत के घात उतरना, एक-एक करके उनको घात लगाकर खतम कर देना जिसे लोग भयभीत रहा करें और सार्वजनिक रूप से जबान न खोलें.
इसका एक उदाहरण  हाल  में ही एक हिन्दू नेता  की हत्या कर देना 
3 हथियारों का जखीरा इकठ्ठा करना :
यह सबसे  निर्णायक होता है और इनमे हम जैसा  धर्म युद्ध जैसे कोई नियम नहीं होते.है बस एक काम होता है  काफ़िर को कितनी  पीड़ा दायक मृत्यु दी जाये (दूसरे काफ़िर को दिखाकर) वह सबसे ज्यादा प्रभावी हो और डर के मारे अपना मनोबल  खो दे  और ये काम 40 सालो से कर रहे है इनको हतियार  अरब देशो से और पाकिस्तान से मिल रहे है और पैसे भी इनके पास हतियारो का जखीरा जमा हो गया है 
4 समय समय पर काफिरों की ताकत और एकता का  अंदाज़ा करना :काफिरो की ताकत को जानने के लिए  दंगो का सहारा लेकर अपने आक्रमणों का काफिरों की तरफ से प्रतिरोध आंकना जो बहुत दिनों से चल रहा है और इसका ताजा उदाहरण जम्मू के किश्तवाड़ में देखने को मिला. छोटी-छोटी बातों पर बड़ा झगड़ा करके काफिरों की एक जुटता का और उनकी ताकत का पता लगाना               
5 ठिकाने या गुप्त शिविर बनाना ;
 6भारत  सरकारी सुरक्षा तंत्र को कमजोर करना :
7 अंतिम चरण व्यापक दंगे :
यह गजवा-ए-हिन्द का अंतिम पड़ाव है जिसमें  ज्यादा से ज्यादा काफ़िर या गैर मुस्लिम मर्दों को मौत के घाट उतारना और उनके प्रतिरोध को कम कर देना. गजवा-ए-हिन्द के लिए पाकिस्तानऔर बांगलादेश  का भारत पर आक्रमण सबसे उपयुक्त समय होगा जो कि पाकिस्तानी और अन्य मुस्लिम देशो वेबसाइटों पर बार-बार देखने को मिलता है. इस काम के लिए जेहादी लड़कों के मरने पर युवा जेहादियोको  जननंत में  72  सुन्दर जवान र्औरतें मिलेगी  की बात की जाती है और जीत गए तो काफिरो की जवान लड़किया और औरतो से मजे करना बताया जाता है ;
गजवा-ए-हिन्द की यह प्रक्रिया कश्मीर में आज़माई जा चुकी है जो 100 %सफल रही  है इन्होने एक ही दिन में लाखो लोगो को कश्मीर से भगा दिया गया और वे अपने ही देश में  सीवरों  में रहा रहे हैऔर हमे  झूठे इतिहास और गलत पढ़ाईके दौरा  तथा चर्चों और अरबों द्वारा नियंत्रित टीवी / मिडिया ने हिंदुत्व का बेड़ा गर्क कर रखा है उस पर यह हिन्दू विरोधी सरकारें हर वह काम कर रही है जो हिंदुत्व को ख़त्म करने के लिए जरुरी है. अभी भी टाइम है भइओ सॅभल  जाओ और एक हो  जाओ
                                                                                                                                                         जय माँ भवानी 

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