असम सरकार की दो बच्चो की नीति
असम में इस समय भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की सरकार और असम की सरकार ने एक नया बिल पास किया अगर कोई दो से अधिक बच्चे पैदा करता है तो उसे उन लोगों को सरकारी नौकरी नहीं देने का फैसला किया है जिनके दो से अधिक बच्चे हैं जो एक बहुत अच्छा फैसला है असम के लोग इस फैसले का समर्थन कर रहे है वही मुस्लिम लोग इसका विरोध कर रहे है 'सरकर के इस फैसले के बाद ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (AIUDF) के प्रमुख और सांसद बदरुद्दीन अजमल ने कहा कि मुस्लिम 6 -7 बच्चे पैदा करते रहेंगे और वे किसी की नहीं सुनेंगे और ये बिल हम मुस्लिमो को सरकारी सुविद्याओ से दूर रखने की साजिद की जा रही है हम अल्लाह की राह पर चलते रहे गए और एक न एक दिन हम अपने मनसूबे में कामयाब होंगे '
गुवाहाटी में बदरुद्दीन अजमल ने शनिवार एक इंटरव्यू में कहा, 'मैं निजी तौर पर मानता हूं और हमारा इस्लाम धर्म भी मानता है कि जो लोग दुनिया में आना चाहते हैं, उन्हें आना चाहिए और उन्हें कोई रोक नहीं सकता है.'ये अल्लाह की देन है
असम की बीजेपी अगुवाई वाली सरकार पर सीधा निशाने पर लेते हुए बदरुद्दीन अजमल ने कहा, 'बीजेपी स रकार चाहे जो भी कानून बना लें, लेकिन हम मुस्लिमोंभाइयो पर उसका कोई असर नहीं पड़ने वाला है.और अल्लाह की प्रकृति को छूने की कोशिश करना ठीक बात नहीं हैऔर . बच्चा पैदा करने के लिएहम मुस्लिमो को जो भी करना होगा, मुस्लिम करेंगे. बादमें हिंदू यह मत कहना कि हमारे बच्चे अधिक हैं. वो मुस्लिमों पर शासन कर रहे हैं.और तुम पर अतयाचार कर रहे है हम किसी भी कानून को नहीं मानते हम सिर्फ सरियत के कानून को मानते है हम ऐसे ही बच्चे पैदा करते रहेंगे और एक दिन इस भारत पर हमारी हुकूमत होगी
बदरुद्दीन अजमल नेकहा अगर एक मुस्लिम 7 -8 बच्चे पैदा करता है तो उस मुस्लिम परिवार के आय का जरिया बढ़ेगा अगर एक मुस्लिम बच्चा एक दिन के 200 रुपये पता है तो 8 बचचो की कुल एक दिन की आय 1600 रुपये होंगे 'तो हम मुसलमान भाई लोगो को सरकारी नौकरी की कोई जरुरत नहीं है हम ऐसे ही बच्चे पैदा करते रहेंगे
असम सरकार का फैसला क्या है ?
असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल की सरकर ने 22 को यह फैसला लिया दो से ज्यादा बच्चे होंगे उन्हें सरकारी नौकरी नहीं मिलेगी.असम सरकार के इस फैसले के मुताबिक 1 जनवरी, 2021 के बाद से दो से अधिक बच्चे वाले लोगों को कोई सरकारी नौकरी नहीं दी जाएगी.
असम में, 126 सीटों वाली असम सरकार की विधानसभा ने दो साल पहले जनसंख्या नीति को अपनाया था और अब असम के मुख्यमंत्री सोनोवाल ने यह फैसला लिया है.की सितंबर 2017 में असम विधानसभा ने असम की जनसंख्या और महिला सशक्तीकरण नीति को पास किया जाये ताकि छोटे परिवारओ को प्रोत्साहित किया जाये
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