Monday, October 28, 2019

इस्लाम बनाम इंग्लैंड

#इंगलैड में  इस्लाम बना  दूसरा सबसे बड़ा धर्म 

इंग्लैंड में मुस्लिम आबादी बीते वर्षो में बहुत तेजी से बड़ी है और जिसका रिजल्ट अब सामने आने आगे है अब इंग्लैंड में मुस्लिम आबादी दूसरी सबसे बड़ी आबादी बन गयी है अब भी इंगलैंड में मुस्लिम आबादी कुल आबादी की 7 %है   और इंग्लैंड की राजधानी लन्दन में इनकी आबादी बढ़ कर 15 प्रतिशत हो गयी है सबबर्स में 22 % ब्लैकबर्न और ब्रैडफर्ड जैसे इलाकों में इनकी आबादी २८ से ४० प्रतिशत तक पहुंच गयी है और इनकी जनसख्या बहुत तेजी से बढ़ रही है जो इंग्लैंड की सरकर के लिए  बड़ी चिंता की बात है।

बारमिघम में -22 % 
लैस्टर में -20 %
मैनचेस्टर में 18 %
आज इंग्लैंड के लन्दन शहर का मेयर एक मुस्लिम है ,अब इन गोरो को महसूस होने लगा है की गंगा जमुना का मतलब क्या होता है जो हमेसा भारत को बताते रहते है इससे हम भारतीयों और हमारी सरकारों को कुछ सबक लेनी चाहिए वैसे ही हम जनसंख्या के पीड़ित देश है है हमारी सरका र को नए बिल लेन चाहिए और चीन से कुछ सबक भी लेना चाहिए की हमें अपनी संस्कृति और परम्परा को बचाना चाहिए ;

आज इंग्लैंड में १४० से भी ज्यादा शरिया कोर्ट है और ये शरिया कोर्ट -मुस्लिम आर्बिट्रेशन ट्रायब्यूनल कहलाती है अब इंग्लैंड के मुसलमान इंग्लैंड के कोर्ट में जाने के बजाय अब वे अपने शरिया कोर्ट में जाने पसंद करते है अब वे इंग्लैंड के यूनिवर्सल सिविल कोर्ट को नहीं मानते और अपने शरिया के कानून को इंग्लैंड में चलते है ;

इंग्लैंड जो नासूर महामारी  हमारे प्यारे भारत को दे कर गया था अब उसी महामारी की चपेट भी खुद भी आ गया गया है  अब देखने की बात है की इंग्लैंड इससे कैसे छुटकारा पता है 
2010 से 2011 के बिच इंग्लैंड के मुस्लिमो ने वहा की सरकार से मांग की जहा पर मुस्लिम आबादी अधिक है वहा ब्रिटिश लॉ हटा कर शरिया कानून लागु कर दिया जाये कुछ मुस्लिम झेत्रो में पोस्टर भी लगा दिया गए की ये शरिया दूरा  नियंत्रित छेत्र  है ;

अगर आज से १५ -२० साल बाद इंग्लैंड में गजवा ये हिन्द के तहत एक दूसरा पाकिस्तान की मांग कर ले तो इंग्लैंड को बहुत बेचैनी नहीं होनी चाहिए 
जैसा माउ ंबेटन ने भारत के साथ किया है वैसे उनकी भी रूह काँप जाएगी ;

अब इंग्लैंड में मुस्लिम एयरलाइन्स  की शुरुआत भी हो गयी है ये एयरलाइन खास कर मुस्लिमो को यात्रा में छूट देती है और इस एयरलाइन्स में एयरहोस्टेस हिजाब पहने गयी यु कहे पूरा का पुरा शरिया कानून लागु होगा 
मुस्लिम पूरी दुनिया में जहा भी  या जिस देश में रहे और अगर वे बहुल हुए तो वे वह के सिस्टम और कानून को मैंने  से इंकार कर देते है और शरिया कानून की मांग करने लगते है 

शरिया कानून क्या है ?
शरिया  में हुदूद का कांसेप्ट है आप सोच रहे होंगे हुदूद क्या है 
हुदूद का अर्थ है इस्लामिक दंडविधान ;चोरी करने पर हाथ काट देना।,व्यभिचार (रेप ) करने पर पत्थर मारकर मार डालना ,इतना ही नहीं धर्म परिवर्तन कराने के लिए काफिरो का सर काट देना और उनको यातना देना, काफिरो को गुलाम बनाना और उनको तब तक जिन्दा रखना जब तक वे जाजिया दे और मुस्लिमो की सेवा करे  ,ये सब बाकायदा हुदूद के अंदर लिखा गया है; 

इंग्लैंडकी  हुकूमत इतनी तरक्की क्या इसी  दिन देखने के लिए की थी  जिसने पुरे विश्व पर राज किया जिसका सूरज आज तक किसी ने बूझा नहीं सका और आज उसके अपने देश से अन्ध्कार और घोर निराशा मिल रही है 

इंग्लैंड आज अपने लिबरलिजम की बहुत बड़ी चूका रहा है और आने वाले टाइम में चुकता रहेगा  
हमे और ब्रिटेन को जापान चीन और क्यूबा से कुछ सीख लेनी चाहिए 

चीन -;चीन में 12 से 15 लाख से अधिक मुस्लिम नहीं है  और ये मुस्लिम अधिकतर शिंशियांग प्रान्त में रहते है और यहा  के मुसलमानो को लंबी  दाढ़ी नह ी  रखा सकते ,हिजाब नहीं पहन सकते ,रोजा नहीं रखा सकते  और कोई सरकारी सुविधाएं नहीं ले सकते  वेलडन चानीज गवर्मेंट ,वेलडन जिंगपिंग 

क्यूबा = इस मामले में चीन का भी बाप है क्यूबा में में नाम मात्र की मुस्लिम आबादी है यहा पर मुस्लिम आबादी सिर्फ १० हजार है  यहाँ एक भी ममस्जिद नहीं है 

अंगोला =अंगोला  अफ्रीका का यह सुन्दर और सबसे सुखी  और शाअंत देश है क्युकी वह इस्लाम पर पाबन्दी है वह की सरकर इस्लाम को कोई धर्म नहीं मानती वह एक भी मस्जिद नहीं है 

नार्वे =नार्वे में अपराध ज्यादा बढ़ रहे थे तो वह की सरकार ने अपराधों को जड़ से समाप्त करने के लिए एक अनोखा तारिका अपनाया वहा  की सरकार ने दो हजार शांति प्रिय मुस्लिमो को अपने देश से डिपोर्ट कर  दिया और नतीजे आचार्यचकित करने वाले थे अपराधों के दर में ७० प्रतिशत की गिरावट आ गयी 
हमे अपनी लिबरल नीद से जागना चाहिए और देखना चाहिए कि उनके प्रिय कम्न्यूनिस्ट देश  कैसे इनकी बजा रहे है 

हमे भी मिल कर अपने सभ्यता की रच्छा करनी चाहिए हम चाहे सुनामी से मर जाये चाहे भूकम्प से मर जाये चाहे हम भूख प्यास से मर जाये देखा जायेगा लेकिन इस्लाम से नहीं , नहीं तो ये मानवता का अंत कर देंगे 

Sunday, October 27, 2019

असम सरकार की दो बच्चो की नीति पर बोले बदरुद्दीन, किसी की नहीं सुनेंगे मुस्लिम, करते रहेंगे6-7 बच्चे पैदा और अपनी आबादी बढ़ाएंगे

असम सरकार की दो बच्चो की नीति 


असम में इस समय भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की सरकार और असम की सरकार ने एक नया बिल पास किया अगर कोई दो से अधिक बच्चे पैदा करता है तो उसे उन लोगों को सरकारी नौकरी नहीं देने का फैसला किया है जिनके दो से अधिक बच्चे हैं जो एक बहुत अच्छा फैसला है असम के लोग इस फैसले का समर्थन कर रहे है वही मुस्लिम लोग इसका विरोध कर रहे है 'सरकर के इस फैसले के बाद  ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (AIUDF) के प्रमुख और सांसद बदरुद्दीन अजमल ने कहा कि मुस्लिम 6 -7 बच्चे पैदा करते रहेंगे और वे किसी की नहीं सुनेंगे और ये बिल हम मुस्लिमो को सरकारी सुविद्याओ से दूर रखने की साजिद की जा रही है हम अल्लाह की राह पर चलते रहे गए और एक न एक दिन हम अपने मनसूबे में कामयाब होंगे '


गुवाहाटी में बदरुद्दीन अजमल ने शनिवार एक इंटरव्यू में  कहा, 'मैं निजी तौर पर मानता हूं और हमारा इस्लाम धर्म भी मानता है कि जो लोग दुनिया में आना चाहते हैं, उन्हें आना चाहिए और उन्हें कोई रोक नहीं सकता है.'ये अल्लाह की देन है 

असम की  बीजेपी  अगुवाई वाली सरकार पर सीधा  निशाने पर लेते हुए बदरुद्दीन अजमल ने कहा, 'बीजेपी  स रकार चाहे जो भी कानून बना लें, लेकिन हम मुस्लिमोंभाइयो  पर उसका कोई असर नहीं पड़ने वाला है.और अल्लाह की  प्रकृति को छूने की कोशिश करना ठीक बात नहीं हैऔर . बच्चा पैदा करने के लिएहम मुस्लिमो को  जो भी करना होगा, मुस्लिम करेंगे. बादमें  हिंदू यह मत कहना कि हमारे बच्चे अधिक हैं. वो मुस्लिमों पर शासन कर रहे हैं.और तुम पर अतयाचार कर रहे है हम किसी भी कानून को नहीं मानते हम सिर्फ सरियत के कानून को मानते है हम ऐसे ही बच्चे पैदा करते रहेंगे और एक दिन इस भारत पर हमारी हुकूमत होगी 
बदरुद्दीन अजमल नेकहा  अगर एक मुस्लिम 7 -8 बच्चे पैदा करता है तो उस मुस्लिम परिवार के आय का जरिया बढ़ेगा अगर एक मुस्लिम बच्चा एक दिन के 200 रुपये पता है तो 8 बचचो की कुल एक दिन की आय 1600 रुपये होंगे 'तो हम मुसलमान भाई लोगो को सरकारी नौकरी की कोई जरुरत नहीं है हम ऐसे ही बच्चे पैदा करते रहेंगे 

 असम सरकार का फैसला क्या है ?
 असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल की सरकर  ने 22 को यह फैसला लिया  दो से ज्यादा बच्चे होंगे उन्हें सरकारी नौकरी नहीं मिलेगी.असम सरकार के इस  फैसले के मुताबिक 1 जनवरी, 2021 के बाद से दो से अधिक बच्चे वाले लोगों को कोई सरकारी नौकरी नहीं दी जाएगी.
असम  में, 126 सीटों वाली असम  सरकार की  विधानसभा ने दो साल पहले जनसंख्या नीति को अपनाया था और अब असम के मुख्यमंत्री  सोनोवाल ने यह फैसला लिया है.की  सितंबर 2017 में असम विधानसभा ने असम की जनसंख्या और महिला सशक्तीकरण नीति को पास किया जाये  ताकि छोटे परिवारओ  को प्रोत्साहित किया  जाये 

Saturday, October 26, 2019

गजवा-ए-हिन्द क्या है

 गजवा-ए-हिन्द गजवा-ए-हिन्द का मतलब क्या है, काफिरों को जीतने के लिए किये जाने वाले युद्ध या काफिरो की हत्या करने  को “गजवा” कहते हैं और जो इस युद्ध में विजयी रहता है उसे “गाजी” कहते हैं, और जिसके  नाम के सामने गाजी लगा हो या जिसे गाजी की उपाधि दी गयी हो निश्चय हो वह हिन्दुओ का व्यापक नर संहार करके इस्लाम के फैलाव में लगा था। हम हिन्दुओ की सबसे बड़ी कमजोरी है की हम धर्म के बारे में बहुत कम जानते हैं और एक दूसरे से अपने को अधिक उठा हुआ  समझते और एक दूसरे से ईर्ष्या करते है  और अपने को सेकुलर कहते है और सेकुलर का मतलब भी नहीं जानते। एक मुस्लिम अपने को कभी भी सेकुलर नहीं कहता है, चाहे वह नेता हो या आम नागरिक , हो ,और अज्ञानी  हिन्दू भीड़ में सेकुलर बनने का महत्व का भाषण जरुर देता है।गजवा-ए-हिन्द का मतलब है की भारत में सभी गैर मुस्लिमो पर इस्लामिक शरिया कानून लागु करना जिसके लिए या तो इनको मारकर ख़तम कर दो या इनको इस्लाम स्वीकार कराओ या उन्हें तब तक जिन्दा रखो जब तक अपनी कमाई का एक हिस्सा “जजिया कर” के रूप में इस्लामिक सरकार को देते रहे जैसा मुग़ल करते रहे। भारत में यह एक बार हो चूका है, और भारत के तीन   तुकडे तुकडे में हुआ। अगर यही चलता रहा तो भारत का फिर विभाजन होगा और हिन्दू अपनी ही देश में गुलामो की तरह रहेगा 

गजवा-ए-हिन्द के  6 पैमाने बना रखें  है 
 १- अल-तकिय्या :
जब मुस्लिम कमजोर या कम संख्या में होता है, इस स्थिति में काफिरों (गैर-मुस्लिमों)से झूठ बोलना और उन्हें धोखा देना जायज माना जाता है. यह अवस्था अपने को अंदरूनी तौर से मजबूत रखना और काफिरों से अपनी अंदरूनी जानकारियों से दूर रखना और उनको आपस में लड़वाना  आदि .
२-काफिरों के मन में डर  भरना :
इसके लिए  काफिरों पर धोखे से हमला करना और उनकी हत्या करना, झुण्ड बनाकर किसी एक जगह पर काफिरों (गैर मुस्लिमों) पर हमले करना, जो पिछले 8  -9 साल से भारत में जारी है. ट्रकों और गाड़ियों में भरकर किसी एक जगह पर हिन्दुओं को हड़काना सेकुलर सरकारों में कब से चल रहा है. इस काम के लिए गैर मुस्लिम अगुआ और आक्रामक नेताओं को मौत के घात उतरना, एक-एक करके उनको घात लगाकर खतम कर देना जिसे लोग भयभीत रहा करें और सार्वजनिक रूप से जबान न खोलें.
इसका एक उदाहरण  हाल  में ही एक हिन्दू नेता  की हत्या कर देना 
3 हथियारों का जखीरा इकठ्ठा करना :
यह सबसे  निर्णायक होता है और इनमे हम जैसा  धर्म युद्ध जैसे कोई नियम नहीं होते.है बस एक काम होता है  काफ़िर को कितनी  पीड़ा दायक मृत्यु दी जाये (दूसरे काफ़िर को दिखाकर) वह सबसे ज्यादा प्रभावी हो और डर के मारे अपना मनोबल  खो दे  और ये काम 40 सालो से कर रहे है इनको हतियार  अरब देशो से और पाकिस्तान से मिल रहे है और पैसे भी इनके पास हतियारो का जखीरा जमा हो गया है 
4 समय समय पर काफिरों की ताकत और एकता का  अंदाज़ा करना :काफिरो की ताकत को जानने के लिए  दंगो का सहारा लेकर अपने आक्रमणों का काफिरों की तरफ से प्रतिरोध आंकना जो बहुत दिनों से चल रहा है और इसका ताजा उदाहरण जम्मू के किश्तवाड़ में देखने को मिला. छोटी-छोटी बातों पर बड़ा झगड़ा करके काफिरों की एक जुटता का और उनकी ताकत का पता लगाना               
5 ठिकाने या गुप्त शिविर बनाना ;
 6भारत  सरकारी सुरक्षा तंत्र को कमजोर करना :
7 अंतिम चरण व्यापक दंगे :
यह गजवा-ए-हिन्द का अंतिम पड़ाव है जिसमें  ज्यादा से ज्यादा काफ़िर या गैर मुस्लिम मर्दों को मौत के घाट उतारना और उनके प्रतिरोध को कम कर देना. गजवा-ए-हिन्द के लिए पाकिस्तानऔर बांगलादेश  का भारत पर आक्रमण सबसे उपयुक्त समय होगा जो कि पाकिस्तानी और अन्य मुस्लिम देशो वेबसाइटों पर बार-बार देखने को मिलता है. इस काम के लिए जेहादी लड़कों के मरने पर युवा जेहादियोको  जननंत में  72  सुन्दर जवान र्औरतें मिलेगी  की बात की जाती है और जीत गए तो काफिरो की जवान लड़किया और औरतो से मजे करना बताया जाता है ;
गजवा-ए-हिन्द की यह प्रक्रिया कश्मीर में आज़माई जा चुकी है जो 100 %सफल रही  है इन्होने एक ही दिन में लाखो लोगो को कश्मीर से भगा दिया गया और वे अपने ही देश में  सीवरों  में रहा रहे हैऔर हमे  झूठे इतिहास और गलत पढ़ाईके दौरा  तथा चर्चों और अरबों द्वारा नियंत्रित टीवी / मिडिया ने हिंदुत्व का बेड़ा गर्क कर रखा है उस पर यह हिन्दू विरोधी सरकारें हर वह काम कर रही है जो हिंदुत्व को ख़त्म करने के लिए जरुरी है. अभी भी टाइम है भइओ सॅभल  जाओ और एक हो  जाओ
                                                                                                                                                         जय माँ भवानी 

इस्लाम बनाम इंग्लैंड

#इंगलैड में  इस्लाम बना  दूसरा सबसे बड़ा धर्म  इंग्लैंड में मुस्लिम आबादी बीते वर्षो में बहुत तेजी से बड़ी है और जिसका रिजल्ट अब सामने ...